हो सकता है एक बार फीर कोंग्रेश बीजेपी के जाल मे फस गइ. पंजाब मे..हो सकता है एक बार फीर कोंग्रेश बीजेपी के जाल मे फस गइ. पंजाब मे..

यह सवाल मेरे दीमाग मे काफी समय से है और इसकी सही वजह भी है, क्युकी नवजोत सींघ सीद्धु जो भाजप मे थे तब पंजाब मे कोंग्रेश बहुत मजबुत थी. और हो सकता है भाजपा के थींक टेंक ने पंजाब को जीतने के लीये सिद्धु को कोंग्रेश मे जानबुजकर भेजा हो.और एक बार फीर कोंग्रेश बीजेपी के जाल मे फस गइ. राजनीती मे सबकुछ सम्भव है.

क्युकी कल तक सिद्धु जी कोंग्रेश के समथर्क थे पंजाब मे और अगर सही मे वो कोंग्रेश के समर्थक थे तो फीर जब कीशान रोड पर है और भाजपा किशानो से काफी परेशान है एसे मे सिद्धु को पंजाब के कीशानो के हीत को देखते हुए उनकी सभी नाराजगी को दरकीनार करते हुए कोंग्रेश के साथ मजबुती से खडा रहना चाहीए था, और आने वाले चुनाव मे भाजपा को हराकर अपना कद प्रस्तुत करना चाहीये था.

कींतु हुआ विपरीत इसलीये मुजे लगता है की भाजपा ने सिद्धु को पंजाब कोंग्रेश मे केपटन साहब और उनकी छबी और कोंग्रेश की छबी को नुकशान पहुचाने और फीर चुनाव मे उसका फायदा उठाने के लीये भेजा था. कोइ नयी बात नही होगी अगर शामतक या फीर अगले एक दो दीन मे सिद्धु भाजपा मे वापसी कर ले.

कोंग्रेश फीर से भरोसा करके पंजाब मे अपनी फजीहत करवा बेठी . पंजाब ही एसा राज्य है जहा से भाजपा को काफी टक्कर मीली है. और यही वजह है की हो सकता है  सिद्धु को भाजपा ने कोंग्रेश मे कोंग्रेश को कमजोर करने के लीये भेजा हो.

दुसरी बात कीशान का जो मसला चल रहा है उसको तोडना है तो आने वाले चुनाव मे पंजाब मे गैर कोंग्रेशी सरकार बनना भाजपा के लीये बहुत जरुरी है. जो की अभी लगता है भाजपा थोडा बहुत सफल हो रहा है.अगर भाजपा सफल रहा और पंजाब मे गैरकोंग्रेशी सरकार बन गइ फीर भाजपा मनमानी करके कीशानो के आंदोलन को राज्यसरकार के जरीये तोड सके.

लगता है मुख्य धारा की मीडीया को उनके आका ने आदेश दीया है की इस मुद्दे को ज्यादा चगाओ.जब की सिद्धुजी का नयी सरकार मे कोइ रोल ही नही था. वो सिर्फ संगठन मे थे. और एक संगठन के आदमी का इस्तीफे को इतना  बढा चढा के मीडीया मे कवरेज क्यु मील रहा है. जब की हाल ही मे गुजरात मे वीजय भाइ रुपाणी मुख्यमंत्री के पद पर थे और उन्होने इस्तीफा दीया था. नायब मुख्यमंत्री नीतीन भाइ पटेल की नारजगी जगजाहेर है फीर भी  उनको कवरेज नही दी जाती.. देश की बरबादी की यही वजह है की मीडीया बीक गइ है. और अपने राजनयीक आका की गुलाम बनके रहगयी है.

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